Saturday 9 January 2021

वोडाफ़ोन-आयडिया की ख़ुली लूट पर ख़ुला प्रस्ताव

 प्रति,

वोडाफ़ोन-आयडिया, 

देहली सर्किल ऑफ़िस: ए-19, मोहन को-ऑपरेटिव इंडस्ट्रियल ऐस्टेट, मथुरा रोड, नई दिल्ली-110044

रजि. ऑफ़िस: सुमन टावर, प्लॉट नं. 18, सेक्टर-11, गांधीनगर-382 011, गुजरात



वोडाफ़ोन-आयडिया द्वारा मेरे कनेक्शन्स् मोबाइल नंबर 0000000001 व 0000000002 पर स्पष्ट धोखाधड़ी


एयरटेल से परेशान होकर मैंने अपना एक मोबाइल नंबर 0000000001 इसलिए पोर्ट कराया था कि वोडाफ़ोन ने अपनी साइट पर कुछ दावे कर रखे थे. लड़का घर आया, योजना बताई, अपने मोबाइल से फ़ोटो लिया, सिम दी और चला गया. योजना यानि प्लान था 399 रु. + जी एस टी 71.82 रु =470.82 रु महीना. एयरटेल में उस समय मेरे पास 499(+जीएसटी) का प्लान था और मैं अपने बजट के अनकूल और सस्ता चाहता था.

बहरहाल कुछ महीने तक मामला बिलकुल ठीक चला-हर माह 470.82रु का बिल आता और मैं भुगतान कर देता. मैं इंटरनेट के अलावा कुछ इस्तेमाल न करता और मुझे लगा कि वोडाफ़ोन अच्छी फ़ोन कंपनी है.

मैंने ईमेल किया कि 100-150 रु महीने का कोई प्लान हो तो मैं दूसरा नंबर भी पोर्ट करा लूंगा(इंमेल का स्क्रीनशॉट संलग्न है). इस दौरान दो बिल 500 रु के आस-पास आए, मैंने सोचा कि कुछ लेटफ़ीस वगैरह होगी, मैंने वो भी जमा कर दिए.

इस बीच वोडाफ़ोन (जोकि अब वोडाफ़ोन-आयडिया हो चुका था) से एक लड़की का फ़ोन आया कि फ़ैमिली-प्लान के अंर्तगत 199रु का प्लान उपलब्ध है. 0000000001 के साथ ही 0000000002 को जोड़ दिया जाएगा और बिल एक साथ ही आएगा 399+199=598+जीएसटी. उस लड़की ने अपने किसी सीनियर से भी बात कराई और उसने भी बताया कि लड़का आएगा और कागज़ात देखने के बाद 300रु आपसे लेगा जिसमें से 250रु आपके पहले बिल में समायोजित कर दिए जाएंगे. मैंने कहा कि ठीक है, लड़का भेज देना.

लड़का आया. मैंने पूछा कि कोई आई.कार्ड वगैरह है ! उसने दिखाया. उसने मेरे वाई फ़ाई का पासवर्ड मांगा जिससे कि वो पोर्ट करने संबंधी कार्यवाही कर सके. मैंने मना कर दिया. क़ाग़ज़ात देखकर उसने मेरी दीवार के साथ मुझे खड़ा करके मेरी फ़ोटो ली और तीन सौ रु मांगे. मैंने कई बार रसीद मांगी पर उसने हर बार कोई बहाना बना दिया. मैंने कंपनी के अब तक के अच्छे बर्ताव को देखते हुए पैसे दे दिए. उसके कहे अनुसार तीन दिन में मेरा यह नंबर भी चालू हो गया.

उसीके बाद गड़बड़ ख़ुलेआम शुरु हो गई. 0000000001 का अगला बिल 1000 रु से भी ज़्यादा था. 399 के प्लान का बिल 1000रु !! मैंने ईमेल किया कि मैं यह बिल हरगिज़ नहीं दूंगा. आप मेरा फ़ोन अभी काट दीजिए (इंमेल का स्क्रीनशॉट संलग्न है). काटना तो दूर इन्होंने कोई जवाब तक नहीं दिया. मैंने 472रु फिर भी भेज दिए.

इसके बाद दूसरी धोखाधड़ी सामने आई. 199रु का जो दूसरा प्लान मैंने 0000000002 पर लिया था उसका बिल अलग से आया. इस नंबर पर भी इन्होंने 399रु का एक और प्लान शुरु कर दिया था. वायदे के खि़लाफ़ 250रु भी नहीं ऐडजस्ट किए थे. पहले बनाए गए विश्वास के बाद इस क़दर धोखाधड़ी देखकर मैं हैरान हो गया !

0000000002 पर भी मैंने क़रीब 500-500 के तीन बिल दिए हांलांकि हर माह यह लगभग आधे महीने कंपनी इस कनैक्शन को बंद कर देती थी. पर चूंकि मैंने सुना था कि तीन महीने से पहले नंबर पोर्ट नहीं होता इसलिए मैं 3 महीने यह ज़्यादती भी बर्दाश्त करता रहा.

0000000001 का अगला बिल तक़रीबन 2000रु का था. इनके हौसले बढ़ते जा रहे थे. अब मुझे पैसे के लिए फ़ोन आने लगे. शुरु में किन्हीं फ़िरोज़ चौधरी का फ़ोन आया. मैंने सारा केस बताया तो श्री चौधरी ने एक बात यह भी कही कि ‘हां हां हम आपको आरक्षण देंगे'. बिना किसी संदर्भ-प्रसंग के कही गई इस बात पर मैं बिलकुल हैरान हो गया.

शुरु-शुरु में इन्होने माफियां भी मांगी और पैसे कम करने का आश्वासन भी दिया. एकाध ईमेल मेरे पास उस तरह का भी उपलब्ध है. विभिन्न तरह के लोगों के विभिन्न तरह के फ़ोन आने लगे. एक बार इन्होने 6-700रु कम करने का तो एक बार 1000रु कम करने का प्रस्ताव रखा. कभी कोई बात करता तो कभी कोई. कई बार ये लोग फ़ोन उठाते ही उल्टे-सीधे इल्ज़ाम लगाना शुरु कर देते हैं जैसे मुझे उकसाना चाहते हों.

मैं इस कंपनी से कुछ बातें पूछना चाहता हूं-

1. अगर मुझे 1000रु खर्च करने थे तो मैंने 399रु का प्लान क्यों लिया ?

2. पहले 10-12 महीने 470-472रु का बिल आता रहा तो अचानक 1000 रु का कैसे आने लगा ?

3. अगर 399रु के प्लान में अचानक 1000रु का बिल आ जाता है तो आपने प्लान बनाए किसलिए ? इनसे फ़ायदा क्या है ? ऐसे अगर 1 लाख का बिल आ जाएगा तो आप क्या करेंगे और कंज़्यूमर क्या करेगा ?

4. अगर आपके पास इकाई नापने की कोई तक़नीक़ ही उपलब्ध नहीं है तो आपके द्वारा कईयों को चूना लगाया जा रहा होगा.

5. मेरे पहले ईमेल पर आपने कनेक्शन क्यों नहीं काटा ?

6. आप 0000000002 वाला केस छुपा क्यों रहें हैं ?

7. आपने कई बार माफ़ी क्यों मांगी ?

8. आपने कई बार छूट की पेशकश क्यों की(स्क्रीनशॉट संलग्न है) ?

9. श्री फ़िरोज़ चौधरी ने यह क्यों कहा कि-‘‘हां-हां, हम आपको आरक्षण देंगे’ ?

10.   आपके यहां हिंदी में पत्र-व्यवहार की सुविधा क्यों नहीं है ? क्या आपके सारे ग्राहक सिर्फ़ अंग्रेज़ी जानते हैं ?


 

मैंने सिर्फ़ एक महीने का पेमेंट रोका है. अगर यह मेरे कहे अनुसार सही वक़्त पर फ़ोन काट देते तो यह भी नहीं होता.

अब मैं बताऊं जो मैंने इनसे लेना है-

0000000002 वाले कनेक्शन पर वादा किए गए                                                   250 रु

0000000002 पर 199रु की बजाए 399रु का कनेक्शन देने पर 200रु X 3 माह = 600 रु                                                 

इसी नंबर पर 3 माह की जीएसटी (71.82-35.82=36 X 3=)                                108 रु

0000000002 पर 3 महीने में हर बार लगभग आधे माह सर्विस(100 X 3=)           300रु.

इस तरह ये लोग मेरे लगभग 1258 रु के देनदार हैं जबकि मैंने इनके 472/ देने हैं वो भी इनकी ग़लती की वजह से कि मेरे कहने पर इन्होंने फ़ोन नहीं काटे.

472रु कम करके मेरे 786 रु निकलते हैं.

मैं एक और दिलचस्प तथ्य आपके ध्यान में लाना चाहता हूं कि मेरे दो फ़ोन बंद होने की दशा में तीसरे प्रीपेड कनैक्शन पर इसी कंपनी का 299 रु का रीचार्ज कर रहा हूं जिसमें 28 दिन में प्रतिदिन 4 जीबी मिलते हैं. उससे मेरा वही सारा काम हो जाता है जिसके लिए इस कंपनी ने मुझे 472 रु के दो कनैक्शन पेलने चाहे.

इस कंपनी में यदि कोई ज़िम्मदार आदमी है तो मेरी उससे अपील है कि मेरे 786 रु तुरंत या तो किसी विश्वसनीय संस्था की उपस्थिति में दिलवाए जाएं.  वोडाफ़ोन-आयडिया मुझे सर्टिफ़िकेट जारी करे कि हमारा हिसाब हो गया है और अब इन दोनों फ़ोन नंबरों से भविष्य में हमारा कोई संबंध न होगा.

किसी विश्वसनीय की उपस्थिति के बिना मै यह पेमेंट नहीं लूंगा क्योंकि यह कंपनी और इसका स्टाफ़ मेरी नज़रों मे अपनी साख तक़रीबन खो चुके हैं.

अगर यह केस किसी भी सूरत में कोर्ट में जाता है तो कोर्ट से मेरा निवेदन है कि कोर्ट में मैं एक ही सूरत में आ पाऊंगा जब मेरे केस के सही होने की दशा में कोर्ट  मुझे एक करोड़ रुपये या तो वोडाफोन-आयडिया से दिलवाएगा या ख़ुद भुगतान करेगा. कोर्ट से यह मैं लिखित में चाहूंगा. मैं यह भी चाहूंगा कि यह मामला ख़ुली जगह पर चले जहां से कोई भी मीडिया, व्यक्ति और संस्थायें इसे देख सकें और निर्णय ले सकें कि कौन सच्चा है और कौन झूठा!
 

 माफ़ कीजिएगा,  मेरी ज़िदगी इसलिए नहीं है कि हर वक़्त बेईमानों के ठिकानों पर चक्कर काटता रहूं. 

ऐसा करके कोर्ट ग़रीबों और न्यायप्रेमियों के लिए भी एक नज़ीर पेश करेगा. वे देखेंगे कि बेईमानों द्वारा किए जानेवाले झूठे मुकदमों की संख्या में कमी आ गई है.

मेरे हुए अन्य खर्चे और मानसिक प्रताड़ना की क़ीमत भी इस में जुड़ जाएगी अगर निकट भविष्य में मुझे इस कंपनी के खि़लाफ केस करना पड़ा.


धन्यवाद,


-संजय ग्रोवर

फ़ोन नं.: 0000000003

(सुरक्षा व अन्य कारणों से कुछ नंबर अभी छुपा लिए गए हैं)

ऐसे ही एक अन्य केस के बारे में यहां पढ़ें-

https://samwaadghar.blogspot.com/p/blog-page_1006.html

अंग्रेज़ी के ब्लॉग

हास्य व्यंग्य ब्लॉग

www.hamarivani.com