Thursday 28 March 2019

जब मिलेगा, उसीसे पूछेंगे

ग़ज़ल

मेरी आवारग़ी को समझेंगे-
लोग जब ज़िंदग़ी को समझेंगे

गिरनेवालों पे मत हंसो लोगो
जो गिरेंगे वही तो संभलेंगे

ऐसी शोहरत तुम्हे मुबारक़ हो-
हमने कब तुमसे कहा! हम लेंगे!

जब भी हिम्मत की ज़रुरत होगी
एक कोने में जाके रो लेंगे 




क्यूं ख़ुदा सामने नहीं आता
जब मिलेगा, उसीसे पूछेंगे 

मर गए हम तो लोग रोएंगे
जीतेजी, पर, वो प्यार कब देंगे

तूने क्या-क्या न हमको दिखलाया
ऐ ख़ुदा! हम तुझे भी देखेंगे

वो अगर मौत से रहा डरता
लोग हर रोज़ उसको मारेंगे


-संजय ग्रोवर

(ख़ुदा =भगवान=god)

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