ग़ज़ल
ताज़गी-ए-क़लाम को अकसर
यूं अनोखा-सा मोड़ देता हूं
जब किसी दिल से बात करनी हो
अपनी आंखों पे छोड़ देता हूं
सिर्फ़ रहता नहीं सतह तक मैं
सदा गहराईयों में जाता हूं
जिनमें दीमक ने घर बनाया हो
वो जड़ें, जड़ से तोड़ देता हूं
08-07-1994
कैसी ख़ुश्क़ी रुखों पे छायी है
लोग भी हो गए बुतों जैसे
मैं भी, ज़िंदा लगूं, इसी ख़ातिर
सुख को चेहरे पे ओढ़ लेता हूं
23-04-1996
-संजय ग्रोवर
अंग्रेज़ी के ब्लॉग
-
Practical Ways to Love Grieving Parents at Christmas
-
Originally posted on thelifeididntchoose:
Bereaved parents feel increasing pressure as the days count down toward
December 25th. Everywhere we look familie...
7 years ago
-
I Fail...I Pass
-
I try
I try hard
I fail
I get scared when I fail
But so do everybody
Winners were once losers
And that is what made them a winner
So why get scarey and be...
7 years ago
-
Jack's Cognitive Compartmentalization
-
A black hole is a super dense object. Its gravitation pull is of such high
magnitude that it is aptly named as a black hole and not a peach hole or a
sp...
7 years ago
-
Let's Start Again...?!!
-
Hello blog,
So, we meet again..?!!
Coming Soon...
8 years ago
-
2016.
-
I know, I know. We are not in 2016 yet. We make all these resolutions and
decide to change our lives from January 1st every year, year after year,
and set ...
9 years ago
-
-
Attn: Suparna,Olga,jayanti Shobhaa’s Take 13thFriday2015
Does stealth always works ....?
What Awaaz Network achieved on Remembrance Day in London is an
...
9 years ago
-
Bachelor-Abschlussarbeit / Praxissemester beim CERN / Genf
-
Trust me... i really really really wanted to update my blog but i find
absolutely nth interesting apart from my east europe trip to blog bout and
the main ...
10 years ago
-
Tales of Neurosis
-
G stole another glance at his bag, and immediately felt guilty. I have got
to stop being so paranoid. Not everyone who travels on a bus is a thief.
Nobody...
10 years ago
-
-
Expressions
-
Today its quiet different.After such a long time my palms are itching to
write.With no precise theme or topic in mind i just want to write.It is
well said ...
11 years ago
-
MEN WILL BE MEN.
-
I might be or should I say, I am the happiest wife having a husband who is
almost perfect when compared with the husbands of my other friends. He does
ev...
12 years ago
-
TAG
-
I am : WHAT I AM
.I know : i AM VERRY EMOTIONAL , I SHOULDNT BE, DOESNT SUIT ME YAAR .
I have : LOVELY FAMILY
I wish : I COULD TELL MOM DAD HOW MUCH I LOVE T...
15 years ago
-
हास्य व्यंग्य ब्लॉग
-
Cartoon on Election Promises - देखो वो क्या कर रहे?
-
[image: Cartoon on Election Promises]
Cartoon on promises by parties in assembly election.
1 year ago
-
पटना यात्रा के अनुभव भाग - 2
-
अगली सुबह सोकर उठे तो चाय सुडकने की तलब लगी और किसी गुमटी ठेले पर चाय
सुडकने का एक अलग ही आनंद होता है. गुमटी पर चाय सुडकने जावो तो वहां के खास
देशी लोगों ...
2 years ago
-
जियो सेट टॉप बॉक्स - महा बकवास
-
जियो फ़ाइबर सेवा धुंआधार है, और जब से इसे लगवाया है, लाइफ़ है झिंगालाला. आज
तक कभी ब्रेकडाउन नहीं हुआ, बंद नहीं हुआ और स्पीड भी चकाचक. ऊपर से लंबे समय
से...
5 years ago
-
बधाई
-
‘बड़ी अच्छी जुगाड लगाई यार तूने, ंि दी कादमी में लग गया! बधाई हो!’
‘तू भी तो हुर्दू कादमी में फ़िट हो गया, तुझे भी बधाई!’
‘इसी को तो कहते हैं ं गा-अमुना सं...
5 years ago
-
-
हास्य नाटक - 'कचौड़ी योग'
-
* प्रस्तावना*
* नमस्ते| आप सभी का स्वागत है| अब हम लोग आपके सामने जो नाटक पेश करने जा रहे
हैं, उसका शीर्षक है - “कचौड़ी योग!” आप सभी लोगों ने...
5 years ago
-
-
Dil ki Yaad Hindi Status
-
Dil ki Yaad Hindi Status दिल की याद हिंदी स्टेटस मोहब्बत को मजबूरी का नाम
मत देना, हक़ीक़त को हादसों का नाम मत देना, अगर दिल में हो प्यार किसी के लिए
तो,...
7 years ago
-
हेपिटाइटिस सी नामक जानलेवा बीमारी से इश्क - अविनाश वाचस्पति
-
##जानलेवाबीमारीहेपिटसइटिससी से इश्क
लेखक - अविनाश वाचस्पति की आत्मकथा
भगवतगीता के अध्याय
अप्रिय सत्य मतलब
सच्चे एवं कड़वे अनुभवों पर आधारित।
जिससे 9...
9 years ago
-
भारतीय संस्कृति में हास्य व्यंग्य की जड़ें
-
यह व्यंग्य लेख एक दूसरी साईट पर ट्रान्सफर कर दिया गया है. लेख पढने के लिए
नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें. भारतीय संस्कृति में हास्य व्यंग्य की जड़ें
9 years ago
-
-
इंटरव्यू
-
मैंने इंटरव्यू देखा,
मैंने इंटरव्यू सुना,
पर यह समझ नहीं आया,
वैदिक ने इंटरव्यू लिया, या
हाफ़िज़ ने जबरदस्ती दिया.
10 years ago
-
आत्मघात से बुरी कोई चीज़ नहीं
-
—चौं रे चम्पू! पिछले दिनन में कौन सी खबर नै तेरौ ध्यान खैंचौ?
—चचा, ख़बरें तो हर दिन देश की, विदेश की, परियों की, परिवेश की और मुहब्बतों
के क्लेश की सामने आ...
13 years ago
-
फिर भी कॉमनवेल्थ को दिल्लीवासी झेल
-
भले मयस्सर हो नहीं लवण-लाकड़ी-तेल
फिर भी कॉमनवेल्थ को दिल्लीवासी झेल
दिल्लीवासी झेल, खेल का खोटा सिक्का
उदर पूर्ति में फेल मगर मस्तक पर टिक्का
दिव्यदृष्टि नि...
14 years ago
-
वेबसाइट, जो सभी के सपने साकार करती
-
स्पेन में एक ऐसी सामाजिक नेटवर्किंग वेबसाइट शुरू हुई है जो लोगों के सपने
पूरे कर रही है। कोई भी व्यक्ति इस वेबसाइट पर अपना सपना बता सकता है और
वेबसाइट से ज...
14 years ago